Kæmpe med besvær Kompromiser med skyggerne En lampes lys igennem natten. Så ofte har regnen og stormen brudt sandheden Tiden gav så mange rystelser Håbets lys brød ikke Tillidens bånd slipper ikke. Sunket ned i sjælen, Ubevidst dumpet ned i hengivelsens mantra En lampes lys igennem natten. Lyset signalerer, der svares ikke Sandheden overvejes ikke imod løgnen Stirrende på stjernerne uden fortabelse Uden tårer af begær. Dages, måneders og års ondskab Udførende sin egen dont Overkommende sejrens historie. एक मित्र द्वारा किया गया डैनिश अनुवाद। शायद कोई हिंदी जानने वाला पाठक डैनिश भी जानता हो तो पता चलेगा कि अनुवाद का क्या मज़ा है... सोचा वेब पर रख दूँ कहीं इधर उधर गुम न जाए | जूझ कर कठिनाइयों से कर सुलह परछाइयों से एक दीपक रातभर जलता रहा लाख बारिश आँधियों ने सत्य तोड़े वक्त ने कितने दिए पटके झिंझोड़े रौशनी की आस पर टूटी नहीं आस्था की डोर भी छूटी नहीं आत्मा में डूब कर के चेतना अभिभूत कर के साधना के मंत्र को जपता रहा एक दीपक रातभर जलता रहा जगमगाहट ने बुलाया पर न बोला झूठ से उसने कोई भी सच न तौला वह सितारे देख कर खोया नहीं दूसरों के भाग्य पर रोया नहीं दिन महीने साल निर्मम कर सतत अपना परिश्रम विजय के इतिहास को रचता रहा एक दीपक रातभर जलता रहा |
Tuesday, June 10, 2008
एक दीपक / Levende Lys
Monday, December 17, 2007
Min bopæl - मेरा पता
Spørg daggryet og tusmørket, spørg by og land de vil fortælle, hvor jeg hører til jeg er ikke ubekendt, jeg er ikke navnløs hvis nogen vil opsøge mig bli’r det ikke svært selv skyerne kender hvert enkelt hus. Hver enkelt side er pagineret hver gyde og torv nummereret verden er skrumpet ind i vinduer med hængelås kun den lette brise i gardinet åbner i splitsekund. Spørg betonmure, vinduer og døre de vil fortælle, hvor jeg hører til. Jeg tror ikke folk snakker så meget med hinanden. Hjertets hemmeligheder gemmes under øjenlåg på klem. Livet er et mylder det kommer og går. Åh Gud ! Tristessen har gjort sit indtog. Stop op, tal til en nogen vil lytte grib en hånd, en vil gå i knæ hold hånden, spørg træet om hjørnet det vil fortælle, hvor jeg hører til. Der er stadigvæk en duft i luften af mit folk. Jeg kender ikke destinationen, men jeg er ifølge med en karavane. Vegetationen gør stadigvæk min sjæl grøn. Himlen veksler skiftevis mellem rød og gul, årstiderne skifter med tiden, med tålmodighed kommer det gode tilbage. Giv håbet tid, spørg den søde brise, den vil fortælle, hvor jeg hører til. | सुबह से शाम से पूछो, नगर से गाम से पूछो तुम्हें मेरा पता देंगे कि इतना भी कहीं बेनाम अपना नाम तो नहीं अगर कोई ढूँढना चाहे तो मुश्किल काम भी नहीं कि अब तो बादलों को भी पता है नाम हर घर का सफ़ों पर हर जगह टंकित हुआ है हर गली हल्का कि अब दुनिया सिमट कर खिड़कियों में बंद साँकल सी ज़रा पर्दा हिला और खुल गयी एक मंद आहट सी सुगढ़ दीवार से पूछो खिड़कियों द्वार से पूछो तुम्हें मेरा पता देंगे ये माना लोग आपस में ज़रा अब बोलते कम हैं दिलों के राज़ भी आँखों में भर कर खोलते कम हैं ज़िन्दगी़ भीड़ है हर ओर आती और जाती सी खुदाया भीड़ में हर ओर छायी है उदासी सी मगर तुम बात कर पाओ तो कोई तो रूकेगा ही पकड़ कर हाथ बैठा लो तो घुटनों से झुकेगा ही हाथ में हाथ ले पूछो मोड़ के गाछ से पूछो तुम्हें मेरा पता देंगे फिज़ां में अब तलक अपनों की हल्की सी हवा तो है नहीं मंज़िल पता पर साथ अपने कारवां तो है वनस्पति में हरापन आज भी मन को हरा करता कि नभ भी लाल पीला रूप दोनों वक्त है धरता कि मौसम वक्त आने पर बदलते हैं समय से ही ज़रा सा धैर्य हो मन में तो बनते हैं बिगड़ते भी धैर्य धर आस से पूछो मधुर वातास से पूछो तुम्हें मेरा पता देंगे |
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