Tuesday, June 10, 2008

एक दीपक / Levende Lys



Kæmpe med besvær
Kompromiser med skyggerne
En lampes lys igennem natten.

Så ofte har regnen og stormen brudt sandheden
Tiden gav så mange rystelser
Håbets lys brød ikke
Tillidens bånd slipper ikke.

Sunket ned i sjælen,
Ubevidst dumpet ned i hengivelsens mantra
En lampes lys igennem natten.

Lyset signalerer, der svares ikke
Sandheden overvejes ikke imod løgnen
Stirrende på stjernerne uden fortabelse
Uden tårer af begær.

Dages, måneders og års ondskab
Udførende sin egen dont
Overkommende sejrens historie.


एक मित्र द्वारा किया गया डैनिश अनुवाद। शायद कोई
हिंदी जानने वाला पाठक डैनिश भी जानता हो
तो पता चलेगा कि अनुवाद का क्या मज़ा है...
सोचा वेब पर रख दूँ कहीं इधर उधर गुम न जाए

जूझ कर कठिनाइयों से
कर सुलह परछाइयों से
एक दीपक रातभर जलता रहा

लाख बारिश आँधियों ने सत्य तोड़े
वक्त ने कितने दिए पटके झिंझोड़े
रौशनी की आस पर
टूटी नहीं
आस्था की डोर भी
छूटी नहीं

आत्मा में डूब कर के
चेतना अभिभूत कर के
साधना के मंत्र को जपता रहा
एक दीपक रातभर जलता रहा

जगमगाहट ने बुलाया पर न बोला
झूठ से उसने कोई भी सच न तौला
वह सितारे देख कर
खोया नहीं
दूसरों के भाग्य पर
रोया नहीं

दिन महीने साल निर्मम
कर सतत अपना परिश्रम
विजय के इतिहास को रचता रहा
एक दीपक रातभर जलता रहा

Monday, December 17, 2007

Min bopæl - मेरा पता




Spørg daggryet og tusmørket, spørg by og land
de vil fortælle, hvor jeg hører til
jeg er ikke ubekendt, jeg er ikke navnløs
hvis nogen vil opsøge mig
bli’r det ikke svært
selv skyerne kender
hvert enkelt hus.


Hver enkelt side er pagineret
hver gyde og torv nummereret
verden er skrumpet ind i vinduer med hængelås
kun den lette brise i gardinet
åbner i splitsekund.
Spørg betonmure, vinduer og døre
de vil fortælle, hvor jeg hører til.


Jeg tror ikke folk snakker
så meget med hinanden.
Hjertets hemmeligheder
gemmes under øjenlåg på klem.


Livet er et mylder
det kommer og går.
Åh Gud ! Tristessen har gjort sit indtog.
Stop op, tal til en
nogen vil lytte
grib en hånd, en vil gå i knæ
hold hånden, spørg træet om hjørnet
det vil fortælle, hvor jeg hører til.


Der er stadigvæk en duft i luften af mit folk.
Jeg kender ikke destinationen,
men jeg er ifølge med en karavane.
Vegetationen gør stadigvæk min sjæl grøn.
Himlen veksler skiftevis mellem rød og gul,
årstiderne skifter med tiden,
med tålmodighed kommer det gode tilbage.


Giv håbet tid,
spørg den søde brise,
den vil fortælle, hvor jeg hører til. 
सुबह से शाम से पूछो,
नगर से गाम से पूछो
तुम्हें मेरा पता देंगे

कि इतना भी कहीं बेनाम अपना नाम तो नहीं
अगर कोई ढूँढना चाहे तो मुश्किल काम भी नहीं
कि अब तो बादलों को भी पता है नाम हर घर का
सफ़ों पर हर जगह टंकित हुआ है हर गली हल्का
कि अब दुनिया सिमट कर खिड़कियों में बंद साँकल सी
ज़रा पर्दा हिला और खुल गयी एक मंद आहट सी
सुगढ़ दीवार से पूछो
खिड़कियों द्वार से पूछो
तुम्हें मेरा पता देंगे


ये माना लोग आपस में ज़रा अब बोलते कम हैं
दिलों के राज़ भी आँखों में भर कर खोलते कम हैं
ज़िन्दगी़ भीड़ है हर ओर आती और जाती सी
खुदाया भीड़ में हर ओर छायी है उदासी सी
मगर तुम बात कर पाओ तो कोई तो रूकेगा ही
पकड़ कर हाथ बैठा लो तो घुटनों से झुकेगा ही
हाथ में हाथ ले पूछो
मोड़ के गाछ से पूछो
तुम्हें मेरा पता देंगे


फिज़ां में अब तलक अपनों की हल्की सी हवा तो है
नहीं मंज़िल पता पर साथ अपने कारवां तो है
वनस्पति में हरापन आज भी मन को हरा करता
कि नभ भी लाल पीला रूप दोनों वक्त है धरता
कि मौसम वक्त आने पर बदलते हैं समय से ही
ज़रा सा धैर्य हो मन में तो बनते हैं बिगड़ते भी
धैर्य धर आस से पूछो
मधुर वातास से पूछो
तुम्हें मेरा पता देंगे